‘‘वाह रे राजनिति जब अपने पे आई तो पता चला कि हम भी उसी लाइन में खडे़ हैं जिसमें ओर लोग खडे़ होते हैं’’ ये यहां इस लिए कहा जा रहा है कि शनिवार को छतीसगढ में हुए नेता संघार को इस मीडिया रूपी अपवाद ने इसे इतना कवर किया कि इसमे नेता नहीं मरे, बल्कि ये लग रहा है कि कोई भागवान का पु़़त्र मर गया हो जिसके बारे में ये मीडिया उछल-उछल के अपना मत व्यक्त कर रही हो
ये वही मीडिया है जो आम आदमी के मरने पर कोइ प्रतिक्रिया तक नहीं देती लेकिन आज नेताओं के मरने पर इस मीडिया ने इसे राश्ट्रीय मुददा बना दिया ओर युपीए सरकार के माननीय घोसखोर मंत्रियों का तो तंता सा लग गया है जो उन नकसलियों को सजा के प्रावधान केा पारित करने में लग गए है उन से यहां ये पुंछना ही पड़ेगा कि जब कोई आम आदमी इन नकसलियों की भेंट चढ़ता है तो आप ही लोग कहते हैं कि ये आंतक रूकना बहुत मुष्किल है लेकिन अब क्या हुआ जो आप सब एक हो कर मांग कर रहे हो इन नकसलियों को सजा देने कि अब आप की जेड सुरक्षा कहां गई जिनका आप लोग दंभ भरते थे लेकिन आप देष के सबसे बड़े ओर षक्तिषाली लोग हो आप तो यमराज को अपनी जेब में रखते हो अब आप घबरा क्यों रहे हो इन नकसलियों से ।
आप की सुरक्षा करते हुए इस रैली में कई लोग मारे गए है उनका भी तो आप ख्याल करो उनके बाारे में भी कुछ तो सोचो,वाह रे, बढ़ बोली मीडिया तूने अपना काम बखूबी निभाया है तुम तो सिर्फ इन नेताओं का ही ढोल बजे रहे हो तुमने उन लोगों के बारे में क्यों नहीं दिखाया, जो बेहगुनाह थें बस उनका कसुर ये था। कि वो सिर्फ काग्रेस की परिर्वतन रैली में षामिल हुए थे उन लोगों के बारे में तो आप ने कुछ नहीं दिखाया बस इन घेांसखेार नेताओं से ही कमाई ज्यादा है तुम्हारी इसलिए चारों तरफ नेता ही नेता छा रहे है
कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जावनों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। तब ये नेता उन्हें देखने तक नहीं गए और ये वही मीडिया है जिसने कुछ मिनट ही इस खबर को दिखया था और उन षहीदों की इस खबर को ठंडे बस्ते में डाल दिया था लेकिन नेतसओं की,ये खबर टीआरपी की खबर है इसे तो ये हर हाल में कवर करेंगे इसके लिए इन्हें नकसलियों से भी क्यों न भिड़ना पड़े कोई परवाह नहीं
ये वही मीडिया है जो आम आदमी के मरने पर कोइ प्रतिक्रिया तक नहीं देती लेकिन आज नेताओं के मरने पर इस मीडिया ने इसे राश्ट्रीय मुददा बना दिया ओर युपीए सरकार के माननीय घोसखोर मंत्रियों का तो तंता सा लग गया है जो उन नकसलियों को सजा के प्रावधान केा पारित करने में लग गए है उन से यहां ये पुंछना ही पड़ेगा कि जब कोई आम आदमी इन नकसलियों की भेंट चढ़ता है तो आप ही लोग कहते हैं कि ये आंतक रूकना बहुत मुष्किल है लेकिन अब क्या हुआ जो आप सब एक हो कर मांग कर रहे हो इन नकसलियों को सजा देने कि अब आप की जेड सुरक्षा कहां गई जिनका आप लोग दंभ भरते थे लेकिन आप देष के सबसे बड़े ओर षक्तिषाली लोग हो आप तो यमराज को अपनी जेब में रखते हो अब आप घबरा क्यों रहे हो इन नकसलियों से ।
आप की सुरक्षा करते हुए इस रैली में कई लोग मारे गए है उनका भी तो आप ख्याल करो उनके बाारे में भी कुछ तो सोचो,वाह रे, बढ़ बोली मीडिया तूने अपना काम बखूबी निभाया है तुम तो सिर्फ इन नेताओं का ही ढोल बजे रहे हो तुमने उन लोगों के बारे में क्यों नहीं दिखाया, जो बेहगुनाह थें बस उनका कसुर ये था। कि वो सिर्फ काग्रेस की परिर्वतन रैली में षामिल हुए थे उन लोगों के बारे में तो आप ने कुछ नहीं दिखाया बस इन घेांसखेार नेताओं से ही कमाई ज्यादा है तुम्हारी इसलिए चारों तरफ नेता ही नेता छा रहे है
कुछ समय पहले छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ के जावनों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। तब ये नेता उन्हें देखने तक नहीं गए और ये वही मीडिया है जिसने कुछ मिनट ही इस खबर को दिखया था और उन षहीदों की इस खबर को ठंडे बस्ते में डाल दिया था लेकिन नेतसओं की,ये खबर टीआरपी की खबर है इसे तो ये हर हाल में कवर करेंगे इसके लिए इन्हें नकसलियों से भी क्यों न भिड़ना पड़े कोई परवाह नहीं

