Friday, 31 July 2015
भावुकता से ओत-प्रोत ( फ़िल्म बजरंगी भाईजान)
सलमान खान की बजरंगी भाईजान फ़िल्म मेरे दिल को छु गई , भावुकता से भरी ये फ़िल्म मानो उस कलश की तरह है जिसे पीने और छूने का निरंतर मन होता है
फ़िल्म का मर्म देखा जाये तो वो पकिस्तनी लड़की शाहिदा (जो बोल नही सकती) मात्र 6 वर्ष की है और वाग़ह बोर्डर हिन्दुस्तान में अपनी मां से बिछड जाती है, और बजरंगी भाई (सलमान खान) को करूछेत्र में मिलती है , उसे सही सलामत अपने वतन पाकिस्तान पंहुचाना इस फ़िल्म को भावुकता के समुद्र में डुबाता है और भावुकताओं की सीमाओ को पार कर उन लोगों पर कटाछ करता है जो अमन और शांति पसंद नही करते लेकिन इन सब के वाबजुद भी हिन्दुस्तान और पाकिस्तन की आवांम एक जुट हो उस लडकी को उसके मां बाप के पास पहुचाने वाले उस मासिहा के साथ कदम ताल करती है , जिसका सीधा अर्थ है कि हिंदू हो या मुसलमान सभी को अमन शान्ति चाहिये,
यदि मैं अपना नजरिया प्रस्तुत करुं तो में इस फ़िल्म को 100/110 न. दुन्गा क्युंकि अब तक कि अनगिनत फ़िल्मो में ये फ़िल्म मेरे दिल को छू गई , इस फ़िल्म को मैं जितनी बार भी देखुं वो भी कम लगता है मुझे .
प्रस्तुति- सोहन सिंह
Subscribe to:
Comments (Atom)