Wednesday, 24 February 2016

वोट बैंक के चक्कर में भूल गये देश प्रेम

देश द्रोहियों का कोई जाति धर्म नही होता होता है , आंतक फैलाना मासूमो को मारना , जनता के दिलों में देश प्रेम के प्रति विद्रोह खडा करना ही देश द्रोहियों का मकसद होता है,
 ये बात न कांग्रेस समझ पा रही है नाहि अन्य दल, वो मात्र वोट बैंक राजनिति में ही मशगुल है, लेकिन देश के प्रति उनकी इस लापरवाही को आम जनता और देश के वीर सैनिक बरदास्त नही कर पा रहे
        देश द्रोह की रणनिति को रोहित वेमूला की आत्महत्या से जुड कर , इन देशद्रोहियों को बचाना , कांग्रेस और अन्य दल ही कर सकते हैं , लेकिन आम जनमानस , इन दोहरी राजनितिग्या माप दडो से आहात हैं, और भारतीय जनता पार्टी का समर्थन कर रहे हैं, जिसके चलते कल दिल्ली की सडको पर  लोगों का कांग्रेस और अन्य द्लो का रुस प्रदर्शन देखा गया, जिसमें युवाओ की संख्या अधिक थी, जिससे यह स्पस्ट हैं की जनता देशद्रोह के इस मामले को कतई बरदास्त नही करना चाहती,
लेकिन कुछ लोग इस बात को नही समझना चाहते की देश प्रेम और जातिवाद दो अलग मोड है जिसका इस्तमाल कही न कही जेनयू में रास्ट्र विरोधी नारे लगाने वाले उन छात्रों को बचाने के लिये किया जा रहा हैं
  यहां प्र्श्न ये है कि क्यों इन छात्रों को बचाया जा रहा, यहां मोद्दा मात्र रोहित वेमुला का होता तो अनेको दलित छात्र साथ होते लेकिन दलित ट्रम कार्ड कि आड में देश द्रोहियों को बचाने कि कोशिश में सभी विपशी दल नज़र आ रहे हैं,  जो वाकई शर्मनाक बात है
                                      प्रस्तुति-सोहन सिंह