Monday, 9 December 2013

मं‍हगाई को कम करने का एक उपाय

मं‍हगाई का दंश झेल रहे भारत वासियों को शायद ये पता नहीं है कि मंहगाई उनके ही कारण पैर पसार रहीं है और कुछ केन्‍द्र् की गलत रणनीतियां भी इसके के जिम्‍मेदार हैं जिनका  ठिकरा सरकार हम गरीब जनता पर डाल रही है क्‍या आपको पता है यदि मंहगाई कम करनी है तो सबसे पहले हमें कच्‍चे तेल का प्रयोग कम करना होगा। क्‍योंकि मंहगाई का सबसे बढा कारण बाजार में कच्‍चे तेल कि कीमतों में इजाफ है क्‍योंकि कच्‍चा तेल हमारी सरकार, बाहर से खरीदती है जो हमें कस्‍टम डूयूटी देकर खरीदना पडता है अर्थात एक गुना से तीन गुना मंहगा खरीदना पडता है जो हमारी सरकार आम जनता पर अतिरिक्‍‍त टैक्‍स के रूप में डाल देती है जिससे होता है कि मंहगाई दिन दूगनी रात चौगनी    
होती चली जाती है ।

और हम भी मंहगाई को बढाने में अहम भूमिका निभाते है वो ऐसे-
हम लोगों के घरों में जितने लोग है उतनी तो गाडिया है जब अपनी बडी-2 गाडियों में जब हम बाहर निकलते है तो ट्रफिक जाम होता है और हम परेशान होते है और प्रदूषण की मार अलग पर्यावरण को लगती है और उन गाडियों में पैट्रोल भरने को लोग अपनी प्रतिष्‍ठा से जोडते है जो एक प्रनिष्‍ठावान व्‍यक्ति को दर्शाता है लेकिन यही प्रतिष्‍ठावान व्‍यक्ति ही मंहगाई और प्रदूषण का कारण बन गया है

यदि हम सब एक ही गाडी का इस्‍तेमाल करे तो मंहगाई प्रदूषण और जाम से निजात पा सकते है जो वो ऐसे हमारे भारत वर्ष मे रोज 300 से ज्‍यादा गाडिया ऑन रोड आती है जिनको चलाने के लिए पैट्रोल,डीजल और सी एन जी की आवश्‍यकता पढती है जो भारत सरकार विदेशों से खरीदती है यदि हम गाडियों का इस्‍तेमाल कम कर दे तो हमें कच्‍चा तेल अंतराष्‍ट्रीय बाजार से कम खरीदना पढेगा । क्‍योंकि कच्‍चा तेल मंहगाई के बीच का वो धागा है जो जितना खीचेगा उतना ही खीचेगा  । यही एक  कारण है मंहगाई को घटाने का कि हम लोग गाडियों का कम से कम प्रयोग करे और तेल बचाने ,पर्यावरण बचाने और जाम से निजात पाने में अहम भूमिका निभाये ।

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