Saturday, 9 September 2017

साज़िस है भारत मे अपनी जनसंख्या बढ़ाने की।

मयम्मार से भगाये गए मुस्लमान आज भारत से शरण  मांग रहे हैं और भारत को रक्षित मान रहे हैं अपने लिए। मयम्मार जो इनका आपना देश है वहां से इन्हें क्यों भगाया जा रहा है कभी भी किसी ने शायद ही इस पर विचार किया हो। लेकिन भारत की ओर ये फ़टी आंखों से देख रहे हैं क्योंकि भारत आने वाले समय में विश्व को एक नई परिभाषा देने जा रहा है चरित्र और कामयाबी  की जिसके चलते वो अपनी अर्थव्यवस्था को सुद्रण बना रहा है। हर प्रकार की तैयारी में निपूर्ण हो रहा है जिसके कारण हर प्रकार की विलासिता उसके पक्ष में है जिसे देख रोहिंग्या मुस्लमान आकर्षित  हो रहे हैं। पाकिस्तान तो इनके अपने लोगों का मुल्क है क्यों ये वहां जाना नही चाहते क्योंकि ये भारत में बस कर भारत को तबाह करना चाहते हैं। अपना जनसँख्या बम्म भारत पर फोड़ना चाहते हैं जिसमे कही  न कही साज़िश की बो आती है।  1947 के बंटवारे में मुस्लमानो को  भारत में रूक कर बहुत बड़ी गलती की थी जिसका भुगतान आतंकवादी गतिविधियां हैं। लगातार इनकी बढ़ती जनसँख्या और अब ये रोहिंग्या मुस्लमान भारत में घुसने की फिरॉक में हैं जिसमें कही न कही भारत का बहुत बड़ा नुकसान करने की कोई साज़िश सी प्रतीत होती है। जिससे भारत को सतर्क रहने की जरुरत है। ऐसा ही कुछ 1971 में हुआ था जब भारत में बांग्लादेशी मुस्लमानो को घुसने की जगह दी गई थी जो आज भारत के हर हिस्से में मिल जाते है सरकार के अल्टीमेटम के बाद भी ये बांग्लादेशी मुस्लमान यहां से जाने का नाम नही ले रहे हैं और लगतार कोई न कोई आतंकी, मारपीट जैसीं बातो को लेकर अपना एजेंडा साफ तौर पर दिखाते रहते हैं कि समर्द्ध भारत को किस तरह ये खाक में मिलाना चाहते हैं, ये वो लोग है जो जिस थाली में खाते है उसी में छेद करते हैं। इसलिए इनसे जितना सावधान रहा जाए उतना ही लाभदायक है। रोहिंग्या मुस्लमान यदि भारत में घुसने में कामयाब रहे तो भारत की अर्थव्यवथा के साथ भारतीय संस्कृति को नष्ट कर देंगे जिसकी भरपाई भारत सरकार कभी न कर सकेगी। इसलिए इनसे जितनी दूरी बनाई जाए उतना ही अच्छा होगा भारतीय संस्कृति और यहां के लोगों के लिए।

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